श्री नाकोडा जैन कान्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अक्षयजी जैन की भैरव चालिसा के पठन और पाठन की स्वच्छ और निर्मल निःस्वार्थ भावना से ही आज मै भी नियमित चालिसा का पठन कम से कम सात बार कर रहा हु
सर्व प्रथम हमने इंदौर मे अक्षयजी द्वारा आयोजित भैरव चालिसा अनुष्ठान मे भाग लिया था जहां नाकोडाजी के तीन ट्रस्टी हाजिर थे । तीनो ट्रस्टीयो की ये भावना जगी कि एैसा अनुष्ठान नाकोडाजी दादा के दरबार मे हो जिसको अक्षयजी ने बडे ही सुनियोजित ढंग से पालना कर ये अनुष्ठान नाकोडाजी मे करवाया ।
उस अनुष्ठान दरम्यान अक्षयजी ने संकल्प लिया कि देश के कोने कोने मे हर महिने भैरव चालिसा अनुष्ठान का आयोजन करेंगे एवम् सभी भैरव भक्तो को एकत्रित करेंगे.
श्री नाकोड़ा भैरवनाथ दादा की सदैव कृपा बनी रहे....
जब हो कोई उलझन, तुम ही सुलझाना भैरू..
जब निकले तन से प्राण तो तुम ही लेने आना भैरू..
अब के बार तो दीवाने को..
कृपा कर के अपना नाम दिया है भैरू..
अगले जन्म मे अपने ही धाम बसाना भैरू..
बोलिए श्री साँचा देव की जय हो...!!
चित्र में -श्री अमृतलाल जी जैन (चेयरमैंन-श्री नाकोड़ा तीर्थ ट्रस्ट) और अक्षय जैन (राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नाकोड़ा जैन कांफ्रेस)
श्री नाकोड़ा भैरवनाथ दादा की सदैव कृपा बनी रहे....
जब हो कोई उलझन, तुम ही सुलझाना भैरू..
जब निकले तन से प्राण तो तुम ही लेने आना भैरू..
अब के बार तो दीवाने को..
कृपा कर के अपना नाम दिया है भैरू..
अगले जन्म मे अपने ही धाम बसाना भैरू..
बोलिए श्री साँचा देव की जय हो...!!
चित्र में -श्री अमृतलाल जी जैन (चेयरमैंन-श्री नाकोड़ा तीर्थ ट्रस्ट) और अक्षय जैन (राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नाकोड़ा जैन कांफ्रेस)